Thursday, June 11, 2009

मैथिली भाषा में पूरा का पूरा कंप्यूटर जारी



फेडोरा 11 आ गया है और उसके साथ मैथिली भी आया है- पहली बार. पहली बार मैथिली भाषा में पूरा का पूरा डेस्कटॉप - संस्थापन से शुरू करके लगभग सारे अनुप्रयोगों को शामिल करते हुए. फेडोरा 11 में मैथिली के लिए विशेष रूप से तैयार लोहित फॉन्ट भी है. नए व तेज-तर्रार इनपुट विधि आईबस के प्रयोग से आप मैथिली में लिख सकते हैं. हमारे ब्लॉग में इसे रखने का एक बड़ा उद्देश्य यह है कि कुछ प्रयोक्ता जरूर इसे जाँचें और हमें सुझाव भेजें. हम यहाँ कुछ स्क्रीनशॉट रख रहे हैं. यहाँ फेडोरा के साथ दो डेस्कटॉप वातावरण उपलब्ध हैं - एक तो गनोम व दूसरा केडीई. दोनों को देखें. केडीई के कॉन्करर ब्राउजर का प्रयोग आप मैथिली में स्थानीयकृ ब्राउजर के रूप में कर सकते हैं. यहाँ फेडोरा में भारतीयओओ के द्वारा सुपुर्द किया गया ओपनऑफिस भी उपलब्ध है. इस तरह फेडोरा 11 में हर वह कुछ उपलब्ध है जो कि किसी एक डेस्कटॉप में सामान्य प्रयोक्ता को चाहिए होता है. इस सबके लिए दुनिया भर में काम कर रही समुदाय के साथ सराय संस्था तथा और इससे जुड़े रविकांत और गोरा का उल्लेख करना चाहूँगा जिसके समर्थन ने इसके काम को काफी बढ़ाया. रविशंकर श्रीवास्तव जी और करूणाकर जी का योगदान भी काफी महत्वपूर्ण रहा.मैं विशेष रूप से अमनप्रीत आलम और पराग नेमाडे को शुक्रिया देता हूँ जिन्होंने इससे जुड़े तकनीकी कार्य को काफी तत्परता से किया और इसे इस हालत में पहुँचाया कि यह इस रूप में रिलीज हो सका. यदि आप इसके अनुवाद को आगे बढ़ाने में या कुछ सुधार आदि में कोई मदद करना चाहते हैं तो आप यहाँ देखें. संगीता, जो मैथिली पर काम कर रही मुक्त स्रोत संगठन मैथिली कंप्यूटिंग रिसर्च सेंटर की देखरेख करती है, उन्हें भी मेरा शुक्रिया. उन्होंने काफी बड़े पैमाने पर स्थानीयकरण को संयोजन का काम किया है. ए. एन. सिन्हा समाज अध्ययन संस्था में फ्यूल की ओर आयोजित मानकीकरण कार्यशाला हालांकि साफी सफल रही लेकिन यहाँ हम उसके सुझाए बदलाव को पूरी तरह प्रयोग नहीं कर पाए हैं. संस्था के रजिस्ट्रार सर्वश्री ए.के.झा जी, महान भाषाविद्‌ गोविंद झा जी, रघुवीर मोची जी, रमणजी जी, मोहन भारद्वाज जी जैसे लोगों ने हमें इसमें काफी सहयोग दिया था. तो फिर हम फ्यूल का पूरी तरह से उपयोग करते हुए फेडोरा 12 में अधिक परिष्कार के साथ आएंगे.